मध्य प्रदेशराज्य

इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन: मुआवजे को लेकर खातेगांव के किसानों ने कलेक्टर से की मुलाकात, उचित मुआवजे और पुनर्वास की मांग

खातेगांव (देवास): इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन परियोजना के लिए किए जा रहे भूमि अधिग्रहण को लेकर खातेगांव क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है। उनका कहना है कि सरकार उन्हें भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजा नहीं दे रही है, जिससे वे न तो नई कृषि भूमि खरीद पा रहे हैं और न ही अपने परिवार का भरण-पोषण कर पा रहे हैं। अपनी समस्याओं को लेकर किसानों ने शनिवार को देवास कलेक्टर ऋतुराज सिंह से मुलाकात की और उचित मुआवजा, गाइडलाइन संशोधन, पुनर्वास और अन्य राहत उपायों की मांग की।

किसानों की प्रमुख समस्याएं

  1. उचित मुआवजा न मिलना – किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार की नीति के अनुसार भूमि अधिग्रहण के बदले दुगना मुआवजा दिया जाता है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा उन्हें नाममात्र की राशि दी जा रही है, जो बाजार दर से काफी कम है।
  2. गाइडलाइन नहीं बढ़ाई गई – पिछले 10 वर्षों से कृषि भूमि की गाइडलाइन में कोई वृद्धि नहीं की गई है। वर्ष 2019-20 में इसे 20% तक घटा दिया गया, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ा। किसानों की मांग है कि गाइडलाइन को वर्तमान बाजार मूल्य के अनुसार संशोधित किया जाए।
  3. रोजगार या आर्थिक सहायता – प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास के कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। किसानों की मांग है कि प्रभावित परिवार के एक योग्य सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए या फिर 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
  4. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं – किसानों ने आरोप लगाया कि बिना उनकी सहमति के उनकी भूमि को नक्शे और खसरे से हटाया जा रहा है। इसके अलावा, उपजाऊ कृषि भूमि को अधिग्रहण में शामिल किया जा रहा है, जबकि बंजर और शासकीय भूमि का उपयोग किया जा सकता है।
  5. जब तक उचित मुआवजा न मिले, भूमि पर कब्जा न लिया जाए – किसानों की यह भी मांग है कि जब तक उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक प्रशासन उनकी भूमि पर कब्जा न करे

दो वर्षों से हो रही अनदेखी, अब तक नहीं मिला समाधान

किसानों ने बताया कि वे पिछले दो वर्षों से अपनी समस्याएं राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों और मुख्य सचिव तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि उनकी मांगों पर जल्द निर्णय लिया जाए।

कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, जल्द कार्रवाई की उम्मीद

किसानों ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर ऋतुराज सिंह को ज्ञापन सौंपा और उनसे उचित मुआवजा दिलाने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की। कलेक्टर ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाया जाएगा और समाधान के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।

अगर मांगें नहीं मानी गईं तो होगा बड़ा आंदोलन

किसानों ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे आंदोलन तेज करेंगे और अपनी आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे।

क्या कहता है कानून?

भारतीय भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के अनुसार, किसानों को उनकी भूमि के बदले बाजार दर से चार गुना तक मुआवजा दिया जा सकता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। साथ ही, भूमि अधिग्रहण के बाद प्रभावित परिवारों के लिए रोजगार या आर्थिक सहायता का प्रावधान भी किया गया है। किसानों की मांगें इसी कानून के अनुरूप हैं, जिसे सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए।

सरकार को जल्द करनी होगी कार्रवाई

इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन एक महत्वपूर्ण परियोजना है, लेकिन इसके कारण प्रभावित हो रहे किसानों के हितों की अनदेखी नहीं की जा सकती। यदि प्रशासन समय रहते उचित मुआवजा और पुनर्वास की योजना तैयार नहीं करता, तो किसानों के आक्रोश से परियोजना में देरी हो सकती है। अब देखना होगा कि सरकार किसानों की मांगों को कितनी जल्दी पूरा करती है।

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