ऑल ड्राइवर कल्याण संघ ने विशाल रैली निकालकर दिया ज्ञापन

गाडरवारा। ऑल ड्राइवर कल्याण. संघ ने अपनी जायज मांगों को लेकर नगर में विशाल रैली निकालकर पुलिस थाने पहुंचकर नगर निरीक्षक विक्रम रजक को एक ज्ञापन सौपा ।
जनहित में जनकल्याण हेतु सभी चालक के लिए दिए गए मांग पत्र में उल्लेख किया है कि देश के 22 करोड़ चालकों को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय चालक आयोग प्रदेश चालक आयोग का गठन किया जाए। पिछले एक दशक से राष्ट्रभर में प्रतिवर्ष 1 सितंबर को राष्ट्रीय चालक दिवस मनाता आ रहा है। देश में तमाम दिवस घोषित है। इसलिए 1 सितंबर को सरकार की और से राष्ट्रीय चालक दिवस की घोषणा की जाए और सरकारी कैलेंडर में लागू किया जाए।
भारत सरकार एवं राज्य सरकार भारतीय चालक के लिए भारत में चालक संग्रहालय स्थापित करें। राष्ट्रभर में यदि आप व्यव्सायक चालक आदि व दुर्घटना में पूर्वकालिक अपंग हो जाता है। तो उसके भरण पोषण के लिए सरकार द्वारा 10 लाख का मुआवजा प्रदान किया जाए। इससे चालक की मृत्यु पर परिवार के सदस्यों को 20 लाख रूपए का मुआवजा प्रदान किया जाए, राष्ट्रभर में निगमों एवं सरकारी संस्थाओं में संविदा ठेका आउट सोर्सिंग में कार्य कर रहे व्यव्सायक चालकों को समान वेतन के तहत नियमितकरण किया जाए, देश भर में सरकार द्वारा चलाई जा रही पेंशन योजना की तरह व्यव्सायक चालकों के लिए भी 60 वर्ष के ऊपर प्रति माह न्यूनतम वेतन 10 हजार व पेंशन निर्धारित की जाए। व्यव्सायक चालक राष्टरभर में एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश वाहन लेकर जाते है। ऐसे में चालक द्वारा कोई आम नागरिक दुर्घटना का शिकार हो जाता है। तो अपराध के तहत गिरफ्तारी में चालक को जमानत पाने का अधिकार उसका विधि लाइसेंस ही माना जाए। व्यसायक चालक जो देश भर में सामान की आमद एक प्रांत से दूसरे प्रांत पहुंचाहते हैं। उनका प्रशासनिक / पुलिस उगाही एवं उत्पीड़न बंद किया जाए,
चालक को 20 लाख का मेचोरिटी बीमा दिया जाए, चालक को 10 लाख का एक्सीडेंट मेडिकल बीमा दिया जाए, ओला ऊबर जैसी ऐप बेस कंपनियों को सरकारी कानून के
अधीन ही संचालन करे, चालक आयोग बनाए अथवा संसद में चालकों का पक्ष रखने के लिए चालक की बरफ से एक सदस्य को स्थान दें,चालक की 8 घंटे की और 26 दिनों की ड्यूटी हो,चालक को सम्मान मिले और हम सबकी कॉमन पॉलिसी बने, तनख्वा में वृद्धि हो तथा चालक और खलासी का प्रतिदिन भत्ता लोकल क्षेत्र महंगाई के हिसाब से दिया जाए।सभी कमर्शियल वाहनों पर लगने वाला राज्यों का टैक्स एक समय पर ही किया जाए और रोड टैक्स बंद करे,
नेशनल हाईवे पर तथा स्टेट हाईवे पर एंबुलेंस की सुविधा और बड़ाई जाए ,चालक के बच्चों की पढ़ाई में सरकार का सहयोग मिले, सरकार की तरफ से सभी नेशनल हाईवे पर तथा स्टेट हाईवे हर 100 किलोमीटर के बाद भोजनालय और विश्राम घर हो तो राहत दर से उपलब्ध हो,
सभी टोलनाका पर कीमत के साथ उसका नियम और कायदा भी दर्शाया जाए तथा प्राईवेट और कमर्शियल वाहनो की अलग अलग लाइन हो ,प्रधानमंत्री आवास योजना के जैसे चालाक आवास योजना चालू हो, एक्सीडेंट में विकलांग हुए चालक को सरकार के द्वारा समय अनुसार आधा वेतन हर महीने दी जाए, चालक के हित के लिए भी सरकार के द्वारा हर वर्ष नई योजना बनाई जाए, देश के सभी नेशनल हाईवे पर तथा स्टेट हाईवे पर स्ट्रीट लाइट लगवाई जाए, पूरे भारत में रिश्वत विरोधी हेल्पलाइन फोन कॉल तथा व्हाट्सएप की सुविधा चालू हो और उस पर तुरंत कार्यवाही हो, चालक को ड्यूटी के दौरान पब्लिक या मालिक तथा सरकारी पदाधिकारी अगर मारे तो उसको 7 साल की सजा हो अथवा 5 लाख रूपए का दंड देने का कानून बनाया जाए, चालक “स्मारक स्तंभ हर राज्य की राजधानी में हो, डीजल और पेट्रोल को भी जीएसटी के साथ जोड़ा जाए, इन सभी मांगों पर सरकार गौर करें ।
ऑल ड्राइवर कल्याण संघ के जिला अध्यक्ष पतिराम अहिरवार के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि अगर इन मांगों पर शासन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया गया तो ऑल ड्राइवर कल्याण संघ आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा । विशाल रैली नए बस स्टैंड से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्ग से होती हुई पुलिस थाने पहुंची इसके पश्चात एक सभा का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में ऑल ड्राइवर कल्याण संघ के पदाधिकारी एवं सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे ।