गौ माता का तिरस्कार करने वाले हत्या जैसे पाप के दोषी- नित्यानंद
गौ माता का तिरस्कार करने वाले हत्या जैसे पाप के दोषी- नित्यानंद
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गाडरवारा। समीपस्थ सोनादहार पीपरपानी घाट पर सात दिवसीय भागवत कथा के पंचम दिवस ऋषिकेश से पधारे संत नित्यानंद महाराज ने कृष्ण जन्मोत्सव की कथा वृत्तांत सुनाया। इस अवसर पर भगवान वासुदेव के पालने में बालरूप की मनोहारी झांकी प्रस्तुत की गई। उन्होंने सड़कों पर घूमती आवारा गायों के संबंध में कहा कि गाय को घर से बाहर निकालने वाले लोग गौ माता के हत्यारे है ऐसे लोगों को कभी सुख शांति नहीं मिल सकती, चाहे कुम्भ नहाओ या नर्मदा नहाओ सारे तीर्थ भी पवित्र नहीं कर सकते ।जो गाय सड़क पर दुर्घटना से मर जाती है तो उसकी हत्या भी गाय छोड़ने वाले को लगती है।लोगों ने गाय की जमीन पर अतिक्रमण कर मकान बनाकर खेती कर रहे हैं ऐसे में गौ माता कहाँ जायेगी।गोचर जमीन दबाकर उस जमीन पर अतिक्रमण करने वाले
लोगों को गौ हत्या का पाप लगेगा क्योंकि आपने एक नहीं तीन तीन पाप किये है एक तो गाय को घर से निकला, दूसरा गाय के घास को जलाया और तीसरा गौ माता की जगह (गौचर) पर कब्जा कर लिया।सोनादहार पीपरपानी घाट पर भागवत कथा का श्रवण करने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।