सुल्तानपुर में 27 जनवरी से लगेगा विशाल निशुल्क नेत्र शिविर, 40 वर्षों से जारी सेवा की परंपरा
सुल्तानपुर में 27 जनवरी से लगेगा विशाल निशुल्क नेत्र शिविर, 40 वर्षों से जारी सेवा की परंपरा
सुल्तानपुर। नगर क्षेत्र का सबसे बड़ा निशुल्क नेत्र शिविर, जो 40 वर्षों से निरंतर आयोजित किया जा रहा है, इस वर्ष 27 जनवरी से बड़ा घाट, सुल्तानपुर में आयोजित होगा। यह ऐतिहासिक शिविर 1983 में स्वर्गीय ब्रह्मलीन बाबा हरिगिर गोस्वामी द्वारा शुरू किया गया था। उनके बड़े बेटे स्वर्गीय ब्रह्मलीन पदम गिरी गोस्वामी ने इस शिविर को भव्यता प्रदान की, और अब चेतन गिरी गोस्वामी (बंटी साई) इसे नई पहचान दे रहे हैं।
शिविर की विशेषताएं और तैयारियां
इस शिविर को सफल बनाने के लिए पिछले एक महीने से तैयारियां की जा रही हैं। रायसेन जिले सहित अन्य जिलों में प्रचार वाहन घूम-घूमकर लोगों को शिविर की जानकारी दे रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीज इस सेवा का लाभ उठा सकें।
शिविर में दी जाने वाली सुविधाएं
शिविर में मरीजों को हर प्रकार की सुविधाएं नि:शुल्क प्रदान की जाएंगी। इनमें शामिल हैं:
- आने-जाने का किराया
- सुबह का नाश्ता और दोनों समय का भोजन
- महिलाओं के लिए साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट
- पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा
- बर्तन, ऑपरेशन के बाद चश्मा और दवाएं
यह शिविर क्षेत्र का ऐसा पहला आयोजन है, जहां मरीजों को इतनी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
मरीजों की बड़ी संख्या की उम्मीद
हर साल इस शिविर में हजारों मरीज अपनी आंखों के इलाज के लिए पहुंचते हैं। पिछले साल लगभग 5000 मरीज पहुंचे थे, जिनमें से 2700 का रजिस्ट्रेशन हुआ और 800 से अधिक सफल ऑपरेशन किए गए। रायसेन, विदिशा, भोपाल, सीहोर, नरसिंहपुर समेत कई जिलों से मरीज इस शिविर में पहुंचते हैं।
विशेष ऑपरेशन व्यवस्था
शिविर की विशालता को देखते हुए नगर में इतनी बड़ी संख्या में ऑपरेशन संभव नहीं हैं। इसलिए मरीजों को चिरायु अस्पताल, भोपाल और अन्य स्थानों पर ले जाकर ऑपरेशन कराया जाता है।
सेवा में जुटे सेवक
शिविर में मरीजों की सेवा के लिए दर्जनों सेवक नगर क्षेत्र और अन्य स्थानों से पहुंचते हैं। ये सेवक मरीजों की जांच, भोजन व्यवस्था, और उन्हें उनके स्थान तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। शिविर स्थल पर पहुंचने के लिए नगर बस स्टैंड से विशेष प्रबंध भी किया गया है।
उद्देश्य:
चेतन गिरी गोस्वामी ने बताया कि इस शिविर का उद्देश्य सिर्फ आंखों का इलाज कराना नहीं, बल्कि लोगों की सेवा करना और जरूरतमंदों के जीवन में रोशनी लाना है।
27 जनवरी से शुरू हो रहे इस विशाल शिविर में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर इस सेवा का लाभ उठाएं।