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भीख मांगने वाली महिला के पास से मिले 75 हजार रुपये, हफ्ते की कमाई जान आप चौंक जायेंगे, यह जान कलेक्टर के उड़ गए होश

भीख मांगने वाली महिला के पास से मिले 75 हजार रुपये, हफ्ते की कमाई जान आप चौंक जायेंगे, यह जान कलेक्टर के उड़ गए होश

Indore News : इंदौर में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान के तहत एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। विभाग की टीम ने जब एक महिला भिक्षुक को रेस्क्यू किया, तो उसके पास से 74,768 रुपये की नकदी मिली, जिससे सभी हैरान रह गए। यह घटना शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के तहत उजागर हुई।

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कुछ दिनों पहले कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के निर्देश दिए थे। इसके तहत महिला एवं बाल विकास विभाग ने विशेष अभियान चलाया। इस दौरान अब तक 300 से अधिक भिक्षुकों को रेस्क्यू कर उज्जैन के सेवाधाम आश्रम में पुनर्वास के लिए भेजा गया है।

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अभियान की इसी कड़ी में बुधवार को विभाग के दिनेश मिश्रा और उनकी टीम ने बड़ा गणपति और राजवाड़ा क्षेत्र में रेस्क्यू अभियान चलाया। इस दौरान एक महिला को शनि मंदिर के सामने भिक्षावृत्ति करते हुए पकड़ा गया। जब टीम ने महिला की तलाशी ली, तो उसके पास विभिन्न मूल्यों के नोट मिले।

पूछताछ के दौरान महिला ने बताया

महिला के पास से 1 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नोट पाए गए। इनमें 100 रुपये के 423 नोट (42,300 रुपये), 50 रुपये के 174 नोट (8,700 रुपये), 20 रुपये के 305 नोट (6,100 रुपये), 10 रुपये के 280 नोट (2,800 रुपये), 200 रुपये के 18 नोट (3,600 रुपये) और 500 रुपये के 22 नोट (11,000 रुपये) शामिल थे। पूछताछ के दौरान महिला ने बताया कि यह राशि उसकी एक हफ्ते की कमाई है। उसने यह भी खुलासा किया कि हर 10-15 दिनों में वह भिक्षावृत्ति से इतनी रकम इकट्ठा कर लेती है। रेस्क्यू के बाद महिला को उज्जैन के सेवाधाम आश्रम में भेजा गया, जहां उससे विस्तृत पूछताछ की जा रही है।

आय का साधन बन रहा भिक्षावृत्ति

इस घटना ने भिक्षावृत्ति से जुड़े कई अहम सवाल खड़े किए हैं। यह केवल गरीबी का परिणाम नहीं, बल्कि एक नियमित आय का साधन भी हो सकता है। इसके साथ ही यह घटना सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता पर भी जोर देती है। बिना सोचे-समझे दान देने की प्रवृत्ति भिक्षावृत्ति को बढ़ावा देती है। इसे रोकने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

परियोजना अधिकारी ने बताया कि शहर में कुछ ऐसे परिवार हैं, जो बार-बार पकड़े जाने के बावजूद भिक्षावृत्ति में लिप्त हैं। अभियान के तहत इन पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।

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