क्राइममध्य प्रदेशराज्य

20 हजार की रिश्वत लेते हुए सरपंच रंगे हाथों गिरफ्तार, पीएम आवास योजना की दूसरी किस्त जारी करने के एवज में मांगी थी घूस

रतलाम – प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी महत्त्वपूर्ण योजना में भ्रष्टाचार की एक और शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। ग्राम पंचायत इटावा खुर्द के सरपंच घनश्याम कुमावत को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत पीएम आवास की दूसरी किस्त जारी करने के बदले मांगी गई थी।

लोकायुक्त की कार्रवाई: एक सटीक जाल और सफलता

लोकायुक्त डीएसपी दिनेश पटेल ने बताया कि यह कार्रवाई शिकायतकर्ता विनोद डाबी की सूचना के आधार पर की गई, जिन्होंने 15 अप्रैल को एसपी लोकायुक्त उज्जैन अनिल विश्वकर्मा को शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में बताया गया कि सरपंच घनश्याम कुमावत उनकी मां सुगन बाई के नाम स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किस्त डालने के लिए 20,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा है।

जाल बिछाया, सरपंच पकड़ा गया

शिकायत की सत्यता की पुष्टि होने के बाद लोकायुक्त टीम ने एक विशेष ऑपरेशन की योजना बनाई। गुरुवार को फरियादी विनोद डाबी को रसायन लगे नोटों के साथ सरपंच के घर भेजा गया। जैसे ही सरपंच ने रिश्वत ली, टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया

कानूनी कार्रवाई

घटना के तुरंत बाद आरोपी सरपंच के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है और मामले की गहन जांच की जा रही है। टीम आरोपी के खिलाफ आर्थिक लेन-देन, संपत्ति, और अन्य शिकायतों की भी जांच कर सकती है।

पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार गंभीर चिंता का विषय

प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य गरीबों को पक्के मकान दिलाना है, लेकिन जब योजना से जुड़े जनप्रतिनिधि ही इसमें भ्रष्टाचार करने लगें, तो इससे शासन की साख और योजनाओं की प्रभावशीलता पर गहरा प्रश्नचिन्ह लग जाता है।

शिकायतकर्ता विनोद डाबी का कहना है कि उनकी मां के नाम से स्वीकृत आवास के लिए उन्होंने पूरे दस्तावेज और शर्तें पूरी कर दी थीं, फिर भी सरपंच ने पैसे की मांग की। “अगर मैंने शिकायत नहीं की होती, तो ये पैसा भी चला जाता और किस्त भी नहीं आती,” – उन्होंने कहा।

लोकायुक्त की हालिया सख्ती

पिछले कुछ महीनों में लोकायुक्त द्वारा राज्यभर में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में:

  • नर्मदापुरम में BRC अधिकारी को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।
  • बालाघाट में 30 हजार की रिश्वत लेते पिता-पुत्र की गिरफ्तारी हुई थी।

इन कार्रवाइयों से साफ है कि प्रशासन भ्रष्टाचार के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति अपना रहा है।

 

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