
नई दिल्ली। महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की भारी भीड़ के चलते शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भयानक भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। लोकनायक अस्पताल प्रशासन ने मृतकों की पुष्टि कर दी है। वहीं, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
कैसे हुआ हादसा?
शनिवार रात प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन खड़ी थी। इस ट्रेन में सवार होने के लिए हजारों की संख्या में यात्री पहुंचे थे। इसी दौरान स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी के यात्री भी प्लेटफार्म नंबर 12, 13 और 14 पर पहले से मौजूद थे।
इस बीच और यात्री आते गए और प्लेटफार्म नंबर 16 के एस्केलेटर और प्लेटफार्म नंबर 14 व 15 पर भीड़ बेकाबू हो गई। धक्का-मुक्की के बीच महिलाएं और बच्चे गिरने लगे और उनके ऊपर से लोग चढ़कर निकलने लगे। इसी दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
रेल मंत्री बोले- स्थिति नियंत्रण में, जांच के आदेश
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर कहा,
“नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर स्थिति अब नियंत्रण में है। दिल्ली पुलिस और आरपीएफ मौके पर पहुंच चुकी है। घायलों को अस्पताल भेजा गया है और भीड़ को हटाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।”
वहीं, दिल्ली फायर सर्विस ने बताया कि उन्हें रेलवे स्टेशन से भगदड़ की कॉल मिली थी, जिसके बाद दमकल की चार गाड़ियां तुरंत मौके पर भेजी गईं।
रेलवे ने भगदड़ की घटना को बताया अफवाह!
घटना के बाद उत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने कहा,
“नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कोई भगदड़ नहीं हुई है, यह सिर्फ एक अफवाह है। रेलवे प्रयागराज के लिए पहले से ही दो विशेष ट्रेनें चला रहा था। पुलिस मौके पर है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।”
हालांकि, लोकनायक अस्पताल और प्रत्यक्षदर्शियों ने रेलवे के दावे को गलत बताया है। अस्पताल प्रशासन ने 18 लोगों की मौत की पुष्टि की है।
भगदड़ के कारण:
- भीड़ प्रबंधन की कमी: रेलवे और प्रशासन ने महाकुंभ के मद्देनजर भीड़ नियंत्रण के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं की थी।
- ट्रेनों की देरी: तीन ट्रेनों के विलंब से चलने के कारण यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ गई।
- जनरल टिकटों की बेतहाशा बिक्री: बिना भीड़ प्रबंधन की योजना के भारी संख्या में टिकट बेचे गए।
- बैठे यात्रियों को नहीं हटाया गया: सीढ़ियों और प्लेटफॉर्म के आसपास बैठे यात्रियों को हटाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।
2010 में भी हो चुकी है भगदड़
यह पहली बार नहीं है जब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इस तरह की भगदड़ हुई हो। 16 मई 2010 को भी यहां भारी भीड़ के कारण भगदड़ मची थी, जिसमें 2 लोगों की मौत हुई थी और 30 से ज्यादा यात्री घायल हुए थे।
विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि अजमेरी गेट की ओर से रेलवे स्टेशन में प्रवेश के दौरान सबसे पहले 16 नंबर प्लेटफॉर्म आता है, जहां से ट्रेन पकड़ने के लिए एस्केलेटर और सीढ़ियों से जाना पड़ता है। इसी कारण यहां सबसे ज्यादा भीड़ जमा हो गई थी।
अब रेलवे ने हालात संभालने के लिए अतिरिक्त विशेष ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।