संघर्षों से घबराए बिना स्वयं को मजबूत कर सफलतापूर्वक जीवन जिएं – कलेक्टर श्रीमती पटले
महिला सशक्तिकरण सप्ताह का भव्य शुभारंभ, छात्राओं को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा

नरसिंहपुर, 07 मार्च 2025 – महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और समाज में लैंगिक समानता की भावना विकसित करने के उद्देश्य से शासकीय श्याम सुंदर नारायण मुशरान महिला महाविद्यालय में महिला सशक्तिकरण सप्ताह का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले के मुख्य आतिथ्य और पुलिस अधीक्षक श्रीमती मृगाखी डेका के विशिष्ट आतिथ्य में दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती कृष्णा शर्मा, प्रबुद्ध शिक्षाविद, गणमान्य नागरिक, महाविद्यालय की छात्राएं एवं स्थानीय प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।
महिला सशक्तिकरण पर कलेक्टर का प्रेरणादायक संदेश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और प्रसिद्ध पर्वतारोही बछेंद्री पाल जैसी प्रेरणादायक महिलाओं के संघर्षों का उल्लेख किया और छात्राओं से कहा कि “जीवन में चुनौतियाँ तो आएंगी, लेकिन यदि हम हार मान लें, तो सफलता कभी नहीं मिलेगी। हमें खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाना होगा, अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करना होगा और आत्मनिर्भर बनना होगा।”
उन्होंने छात्राओं से कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बना सकती है। उन्होंने बताया कि जब महिलाएं शिक्षित और आत्मनिर्भर होंगी, तो समाज और राष्ट्र की प्रगति भी सुनिश्चित होगी।
पुलिस अधीक्षक का छात्राओं को मार्गदर्शन
पुलिस अधीक्षक श्रीमती मृगाखी डेका ने छात्राओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने और अपने आत्म-सम्मान को बनाए रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि “शिक्षा और आत्मनिर्भरता से ही महिलाएं खुद को मजबूत बना सकती हैं। समाज में लैंगिक समानता लाने के लिए हमें अपनी सोच बदलनी होगी और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की असुरक्षा या हिंसा के मामले में महिलाएं बेहिचक पुलिस प्रशासन की सहायता लें। उन्होंने छात्राओं को बताया कि सरकार और पुलिस प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
महाविद्यालय प्राचार्य और अन्य वक्ताओं के विचार
महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती कृष्णा शर्मा ने भारतीय वीरांगनाओं जैसे रानी लक्ष्मीबाई, सरोजिनी नायडू, कल्पना चावला आदि के जीवन प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि छात्राओं को इनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने छात्राओं से अपील की कि वे आत्मनिर्भर बनने और समाज में अपनी पहचान स्थापित करने के लिए पूर्ण समर्पण के साथ मेहनत करें।
महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार साझा करते हुए शिक्षाविद् श्रीमती संध्या कोठारी ने कहा कि महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत साबित की है और अब समय आ गया है कि समाज उन्हें केवल एक पारंपरिक भूमिका तक सीमित न रखे। उन्होंने छात्राओं से कहा कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें और आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लें।
महिला सशक्तिकरण पर चित्र प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम
कार्यक्रम के अंतर्गत डॉ. यतींद्र महोबे द्वारा महिला सशक्तिकरण से संबंधित चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें छात्राओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। चित्रकला विभाग की छात्राओं ने “नारी शक्ति”, “महिला अधिकार”, “शिक्षा और आत्मनिर्भरता” जैसे विषयों पर अपनी रचनात्मक पेंटिंग प्रदर्शित कीं।
इसके अलावा, छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया। नाटक, कविता और समूह नृत्य के जरिए छात्राओं ने संदेश दिया कि महिलाओं को अपने अधिकारों की रक्षा खुद करनी होगी और अपनी काबिलियत से समाज में एक अलग पहचान बनानी होगी।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर श्री एल.एन. रजक, डॉ. प्रज्ञा गुप्ता, डॉ. धीरज झा, श्रीमती बिंदुबाला जैन, अंशुल खरे, चंद्रप्रभा नेमा, निकिता कोष्ठी, मयूरी जैन, श्रीमती कुंवरमती भारती, श्री महेश चौधरी, श्री प्रतीक नेमा, श्री कलीम खान कादरी सहित महाविद्यालय के कई शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीपिका चक्रवर्ती ने किया तथा आभार प्रदर्शन संयोजक डॉ. मीनाक्षी सौभरि द्वारा किया गया।
निष्कर्ष
महिला सशक्तिकरण सप्ताह का यह आयोजन छात्राओं के लिए प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक साबित हुआ। इस कार्यक्रम ने छात्राओं को यह संदेश दिया कि वे संघर्षों से घबराए बिना अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें, आत्मनिर्भर बनें और समाज में अपनी एक नई पहचान स्थापित करें।