महाशिवरात्रि पर भक्तों ने 21 किलो का त्रिशूल किया अर्पित, गूंजे हर-हर महादेव के जयकारे

रिपोर्टर अवधेश चौकसे
सालीचौका, नरसिंहपुर। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिवभक्तों ने अपार श्रद्धा और भक्ति का परिचय देते हुए 21 किलो वजनी त्रिशूल अर्पित कर भगवान शिव को समर्पित किया। समीपस्थ ग्राम पंचायत बसुरिया शांति धाम तिग्गड़ा से यह त्रिशूल लेकर भक्तों की टोली देवरी (बारहाबाड़ा) स्थित पहाड़ी वाले दादा दरबार पहुँची, जहाँ श्रद्धा और भक्ति के भाव से ओत-प्रोत माहौल में इसे अर्पित किया गया।
भक्तिमय माहौल में निकाली गई शोभायात्रा
भक्तों ने त्रिशूल अर्पण से पूर्व भव्य शोभायात्रा निकाली, जो पूरे हर्षोल्लास और धार्मिक श्रद्धा के साथ संपन्न हुई। यह यात्रा ढोल-नगाड़ों, जयकारों और भजन-कीर्तन के बीच निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। हर-हर महादेव, बम-बम भोले और जय बाबा दादा दरबार के नारों से वातावरण गूंज उठा। श्रद्धालु पारंपरिक परिधानों में शामिल हुए और पूरा मार्ग भक्तिमय हो गया।
1500 फीट ऊँचाई पर स्थित मंदिर में किया त्रिशूल अर्पण
इस पावन अवसर पर भक्तों ने 1500 फीट ऊँचाई पर स्थित प्राचीन शिव-हनुमान मंदिर तक पहुँचकर त्रिशूल को विधिपूर्वक अर्पित किया। माना जाता है कि यह मंदिर बहुत प्राचीन है और यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। भक्तों ने जलाभिषेक, पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक कर भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त किया।
शिवभक्ति के अनूठे रंग में रंगा क्षेत्र
महाशिवरात्रि के अवसर पर पूरे क्षेत्र में उत्साह और भक्ति का माहौल देखने को मिला। मंदिर प्रांगण को विशेष रूप से सजाया गया था, जहाँ भक्तों के लिए भंडारे और प्रसाद वितरण का आयोजन भी किया गया। श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर भगवान शिव की आराधना की और रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन किया।
श्रद्धालुओं ने जताई गहरी आस्था
भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में अर्पित त्रिशूल उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति करेगा और भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहेगी। इस अनूठी पहल के माध्यम से भक्तों ने अपनी अटूट आस्था का परिचय दिया और भविष्य में भी इसी तरह सेवा और भक्ति का संकल्प लिया।
समाज में भक्ति और एकता का संदेश
इस आयोजन ने न केवल शिवभक्ति को दर्शाया बल्कि समाज में धार्मिक एकता और भक्ति का भी संदेश दिया। श्रद्धालुओं ने एकजुट होकर इस आयोजन में भाग लिया और भगवान शिव के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की।
महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व पर पूरे क्षेत्र में भक्ति और उल्लास का वातावरण छाया रहा, जो शिवभक्तों की अटूट आस्था का प्रतीक है।