गाडरवारामध्य प्रदेशराज्य

स्वसहायता समूह से जुड़कर बनीं उज्जवला सखी, श्रीमती सरस्वती जाटव बनीं सशक्त महिला की मिसाल

ग्राम खुरसीपार में अब घर-घर सुगमता से पहुंच रही गैस टंकी, आर्थिक स्थिति में हुआ सुधार

सांईखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत खुरसीपार निवासी श्रीमती सरस्वती जाटव ने स्वसहायता समूह से जुड़कर न सिर्फ अपनी पहचान बनाई, बल्कि पूरे गांव की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गईं। एकता स्वसहायता समूह की सदस्य बनने के बाद उन्हें आजीविका मिशन के अंतर्गत उज्जवला सखी के रूप में कार्य करने का अवसर मिला। इसके बाद गांव में गैस सिलेंडरों की आपूर्ति आसान हो गई, जिससे ग्रामीणों को अब 8–10 किलोमीटर दूर गाडरवारा नहीं जाना पड़ता।

श्रीमती जाटव के पति श्री सुरेन्द्र जाटव पेट्रोल पंप में कार्य करते थे, लेकिन पारिवारिक आमदनी सीमित होने के कारण आर्थिक संकट बना रहता था। स्वयं भी कम शिक्षित होने के बावजूद श्रीमती जाटव ने स्वसहायता समूह के माध्यम से आजीविका मिशन का प्रशिक्षण प्राप्त किया और उज्जवला सखी बनकर गांव में गैस टंकियों की आपूर्ति की जिम्मेदारी संभाली।

गैस एजेंसी से जुड़ाव के बाद अब उनके घर पर खपत के अनुसार सिलेंडर उपलब्ध कराए जाते हैं। उनकी मेहनत और लगन को देखकर उनके पति ने भी उनका पूरा सहयोग किया और श्रीमती जाटव ने आगे की पढ़ाई करते हुए स्नातकोत्तर तक की शिक्षा प्राप्त की।

उन्होंने स्वरोजगार योजना के अंतर्गत अपने पति के लिए जूते-चप्पल विक्रय का व्यवसाय शुरू कराया। आज उनकी मासिक आमदनी लगभग 15,000 रुपये है और उनका पुत्र अच्छे विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहा है।

अब वे स्वयं सीआरपी (कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन) बनकर अन्य गांवों की महिलाओं को भी स्वसहायता समूह से जोड़ रही हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रही हैं।

श्रीमती जाटव ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का धन्यवाद देते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में आजीविका मिशन जैसे कार्यक्रम बेहद उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!