स्ट्रेचर पर बहू को घर ले जा रहे बुजुर्ग की मदद को आगे आए स्थानीय लोग
स्ट्रेचर पर बहू को घर ले जा रहे बुजुर्ग की मदद को आगे आए स्थानीय लोग

जबलपुर (मध्यप्रदेश): शहर से मानवता को झकझोर देने वाला एक मामला सामने आया है, जहां आर्थिक तंगी के चलते एक बुजुर्ग अपनी बहू को स्ट्रेचर पर ही अस्पताल से घर ले जाने को मजबूर हो गया। इस दृश्य को देखकर स्थानीय लोग उनकी मदद के लिए आगे आए।
ऑटो का किराया न होने पर लिया कठिन फैसला
57 वर्षीय ब्रज बिहारी की बहू शिखा रावत का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था। शनिवार को डॉक्टरों ने उन्हें डिस्चार्ज कर दिया और बाहर से गाड़ी किराए पर लाकर मरीज को घर ले जाने की सलाह दी।
जब बुजुर्ग स्ट्रेचर धक्का देते हुए अस्पताल के बाहर पहुंचे तो उन्होंने ऑटो चालकों से बात की। लेकिन ₹300 किराया सुनकर वे निराश हो गए क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं थे। मजबूर होकर उन्होंने बहू को स्ट्रेचर पर घर ले जाने का कठिन निर्णय लिया।
स्थानीय लोगों ने बढ़ाया मदद का हाथ
करीब 200 मीटर दूर तक स्ट्रेचर धक्का देने के बाद स्थानीय लोगों ने यह दृश्य देखा। अस्सू खान और उनके साथियों ने बुजुर्ग की हालत समझी और तुरंत एक गाड़ी किराए पर लेकर उन्हें और उनकी बहू को सुरक्षित घर पहुंचाया।
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
यह घटना सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की खामियों को उजागर करती है। अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों को घर पहुंचाने की कोई व्यवस्था न होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई।
इंसानियत की मिसाल
हालांकि इस घटना ने समाज में इंसानियत की मिसाल भी पेश की है। अस्सू खान और उनके साथियों की मदद ने यह साबित कर दिया कि जरूरत के समय मानवता ही सबसे बड़ा सहारा है।
क्या होनी चाहिए कार्रवाई?
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और मरीजों की घर वापसी के लिए बेहतर इंतजाम किए जाने की जरूरत है ताकि किसी भी मरीज या उसके परिजन को ऐसी तकलीफ न उठानी पड़े।