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सिंगिंग रियलिटी शो के मेंटर बने गुरु रंधावा:बोले: आजकल एक सिंगर खुद को कैसे पेश करता है, वही बिकता है

सिंगिंग रियलिटी शो ‘सा रे गा मा पा’ एक बार फिर वापसी कर रहा है। शो में कंपोजर-सिंगर गुरु रंधावा एक मेंटर के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में गुरु ने शो की जिम्मेदारियों, नए टैलेंट्स को गाइड करने के अपने अनुभव और म्यूजिक इंडस्ट्री में हुए बदलावों पर बातचीत की। पढ़िए बातचीत के कुछ प्रमुख अंश: ‘सा रे गा मा पा’ का ऑफर मिलते ही आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी? ऑफर मिलते ही मैंने मजाक में कहा, ‘सारे पैसे अकाउंट में डालो!’ ये शो बहुत नेक्स्ट लेवल है और मुझे इसमें शामिल होने पर गर्व है। ऐसे शो का ऑफर आना बहुत बड़ी बात है। मुझे बहुत खुशी है कि उन्होंने मुझे चुना और मुझे इस शो का हिस्सा बनाया। मेंटर बनने की जिम्मेदारी को आप कैसे देखते हैं? जिम्मेदारी है, लेकिन सिंगर्स के लिए सबसे जरुरी है कि वो खुद को कैसे पेश करते हैं। म्यूजिक के साथ वो कैसे नए-नए एक्सपेरिमेंट करते हैं, वही बिकता है। सिंगर्स कितने इंडिपेंडेंट हैं, ये भी बहुत मायने रखता है। मैं चाहता हूं कि इस शो से निकलने वाले सिंगर्स खुद को आजाद महसूस करें और अपनी मर्जी का म्यूजिक बनाएं। क्योंकि वही म्यूजिक हिट होता है, जो लोगों ने पहले नहीं सुना हो। नए टैलेंट को गाइड करते हुए आपका सबसे बड़ा मंत्र क्या है? बस लगातार लगे रहो। शो जीतो या हारो, हमेशा मेहनत करते रहो। लगातार मेहनत करना ही सबसे जरुरी है। निरंतरता ही सफलता की कुंजी है, जैसे रोज ब्रश करना हमारी आदत है। तो यही बात आपके टैलेंट के साथ भी है। अगर आप किसी चीज को रोज करोगे, तो उसमें कामयाबी जरूर मिलेगी। म्यूजिक इंडस्ट्री में आपने क्या बड़े बदलाव देखे हैं? बदलाव तो बहुत है। पहले गाना रिलीज करने में समय लगता था, अब यह आसान हो गया है। अब और जिम्मेदारी आ गई है क्योंकि लोग जुड़े हुए हैं। ऑडियंस देख रही है कि आप कैसा म्यूजिक दे रहे हो। पहले के मुकाबले प्रमोशन के तरीके भी बदल गए हैं। अब हर तीन महीने में नई ऑडियंस आती है, और म्यूजिक भी बहुत जल्दी हिट होता है। तो आपको हमेशा अप-टू-डेट रहना पड़ता है। आपको इस जमाने के साथ चलना पड़ेगा। क्या कभी रिजेक्शन ने आपको निराश किया? रिजेक्शन मिलना जरूरी है, ये कुछ नया करने का मौका देता है। परमानेंट तो कुछ भी नहीं होता। कई बार ऑडियंस सोचती है कि आप एक ही तरह की चीज करते रहो, जैसे पहले किया था। लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है। मैं खुद को रोज रिजेक्ट करने के लिए तैयार रखता हूं, ताकि बेहतर कर सकूं। एक दिन तो सफल होऊंगा, जैसे पहले दिन था, वैसे आज भी हूं। नया म्यूजिक बना रहा हूं, फिल्में कर रहा हूं और ये शो भी मेरे लिए नई चीज है। तो बस, मैं इसमें अपना 100% दूंगा, जैसे अपनी जिंदगी में देता हूं। आज के नए सिंगर्स, जो अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं, उन्हें आप क्या सलाह देना चाहेंगे? मेरा अनुभव है कि जब आप मेहनत कर रहे होते हो, स्कूल या कॉलेज में गा रहे होते हो, तब भी आपके पास अच्छे गाने होते हैं। आज जो ऑडियंस सुन रहे हैं, वो मेहनत कर रहे हैं सिंगर बनने के लिए, अच्छा लिखते हैं, कम्पोज करते हैं, तो वो भी वही इंसान होते हैं। लेकिन उस समय कोई आपको सीरियसली नहीं लेता, क्योंकि आपने कुछ प्रूफ नहीं किया होता। तो अगर आपको किसी ने रिजेक्ट किया है, लेकिन आपके पास गाने हैं, तो आप पहले से ही सुपरस्टार हो। बस, बहुत मेहनत करो और अपने पेरेंट्स और उन लोगों का ध्यान रखो जिन्होंने आपकी मदद की है।

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​सिंगिंग रियलिटी शो ‘सा रे गा मा पा’ एक बार फिर वापसी कर रहा है। शो में कंपोजर-सिंगर गुरु रंधावा एक मेंटर के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में गुरु ने शो की जिम्मेदारियों, नए टैलेंट्स को गाइड करने के अपने अनुभव और म्यूजिक इंडस्ट्री में हुए बदलावों पर बातचीत की। पढ़िए बातचीत के कुछ प्रमुख अंश: ‘सा रे गा मा पा’ का ऑफर मिलते ही आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी? ऑफर मिलते ही मैंने मजाक में कहा, ‘सारे पैसे अकाउंट में डालो!’ ये शो बहुत नेक्स्ट लेवल है और मुझे इसमें शामिल होने पर गर्व है। ऐसे शो का ऑफर आना बहुत बड़ी बात है। मुझे बहुत खुशी है कि उन्होंने मुझे चुना और मुझे इस शो का हिस्सा बनाया। मेंटर बनने की जिम्मेदारी को आप कैसे देखते हैं? जिम्मेदारी है, लेकिन सिंगर्स के लिए सबसे जरुरी है कि वो खुद को कैसे पेश करते हैं। म्यूजिक के साथ वो कैसे नए-नए एक्सपेरिमेंट करते हैं, वही बिकता है। सिंगर्स कितने इंडिपेंडेंट हैं, ये भी बहुत मायने रखता है। मैं चाहता हूं कि इस शो से निकलने वाले सिंगर्स खुद को आजाद महसूस करें और अपनी मर्जी का म्यूजिक बनाएं। क्योंकि वही म्यूजिक हिट होता है, जो लोगों ने पहले नहीं सुना हो। नए टैलेंट को गाइड करते हुए आपका सबसे बड़ा मंत्र क्या है? बस लगातार लगे रहो। शो जीतो या हारो, हमेशा मेहनत करते रहो। लगातार मेहनत करना ही सबसे जरुरी है। निरंतरता ही सफलता की कुंजी है, जैसे रोज ब्रश करना हमारी आदत है। तो यही बात आपके टैलेंट के साथ भी है। अगर आप किसी चीज को रोज करोगे, तो उसमें कामयाबी जरूर मिलेगी। म्यूजिक इंडस्ट्री में आपने क्या बड़े बदलाव देखे हैं? बदलाव तो बहुत है। पहले गाना रिलीज करने में समय लगता था, अब यह आसान हो गया है। अब और जिम्मेदारी आ गई है क्योंकि लोग जुड़े हुए हैं। ऑडियंस देख रही है कि आप कैसा म्यूजिक दे रहे हो। पहले के मुकाबले प्रमोशन के तरीके भी बदल गए हैं। अब हर तीन महीने में नई ऑडियंस आती है, और म्यूजिक भी बहुत जल्दी हिट होता है। तो आपको हमेशा अप-टू-डेट रहना पड़ता है। आपको इस जमाने के साथ चलना पड़ेगा। क्या कभी रिजेक्शन ने आपको निराश किया? रिजेक्शन मिलना जरूरी है, ये कुछ नया करने का मौका देता है। परमानेंट तो कुछ भी नहीं होता। कई बार ऑडियंस सोचती है कि आप एक ही तरह की चीज करते रहो, जैसे पहले किया था। लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है। मैं खुद को रोज रिजेक्ट करने के लिए तैयार रखता हूं, ताकि बेहतर कर सकूं। एक दिन तो सफल होऊंगा, जैसे पहले दिन था, वैसे आज भी हूं। नया म्यूजिक बना रहा हूं, फिल्में कर रहा हूं और ये शो भी मेरे लिए नई चीज है। तो बस, मैं इसमें अपना 100% दूंगा, जैसे अपनी जिंदगी में देता हूं। आज के नए सिंगर्स, जो अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं, उन्हें आप क्या सलाह देना चाहेंगे? मेरा अनुभव है कि जब आप मेहनत कर रहे होते हो, स्कूल या कॉलेज में गा रहे होते हो, तब भी आपके पास अच्छे गाने होते हैं। आज जो ऑडियंस सुन रहे हैं, वो मेहनत कर रहे हैं सिंगर बनने के लिए, अच्छा लिखते हैं, कम्पोज करते हैं, तो वो भी वही इंसान होते हैं। लेकिन उस समय कोई आपको सीरियसली नहीं लेता, क्योंकि आपने कुछ प्रूफ नहीं किया होता। तो अगर आपको किसी ने रिजेक्ट किया है, लेकिन आपके पास गाने हैं, तो आप पहले से ही सुपरस्टार हो। बस, बहुत मेहनत करो और अपने पेरेंट्स और उन लोगों का ध्यान रखो जिन्होंने आपकी मदद की है।  सिंगिंग रियलिटी शो ‘सा रे गा मा पा’ एक बार फिर वापसी कर रहा है। शो में कंपोजर-सिंगर गुरु रंधावा एक मेंटर के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में गुरु ने शो की जिम्मेदारियों, नए टैलेंट्स को गाइड करने के अपने अनुभव और म्यूजिक इंडस्ट्री में हुए बदलावों पर बातचीत की। पढ़िए बातचीत के कुछ प्रमुख अंश: ‘सा रे गा मा पा’ का ऑफर मिलते ही आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी? ऑफर मिलते ही मैंने मजाक में कहा, ‘सारे पैसे अकाउंट में डालो!’ ये शो बहुत नेक्स्ट लेवल है और मुझे इसमें शामिल होने पर गर्व है। ऐसे शो का ऑफर आना बहुत बड़ी बात है। मुझे बहुत खुशी है कि उन्होंने मुझे चुना और मुझे इस शो का हिस्सा बनाया। मेंटर बनने की जिम्मेदारी को आप कैसे देखते हैं? जिम्मेदारी है, लेकिन सिंगर्स के लिए सबसे जरुरी है कि वो खुद को कैसे पेश करते हैं। म्यूजिक के साथ वो कैसे नए-नए एक्सपेरिमेंट करते हैं, वही बिकता है। सिंगर्स कितने इंडिपेंडेंट हैं, ये भी बहुत मायने रखता है। मैं चाहता हूं कि इस शो से निकलने वाले सिंगर्स खुद को आजाद महसूस करें और अपनी मर्जी का म्यूजिक बनाएं। क्योंकि वही म्यूजिक हिट होता है, जो लोगों ने पहले नहीं सुना हो। नए टैलेंट को गाइड करते हुए आपका सबसे बड़ा मंत्र क्या है? बस लगातार लगे रहो। शो जीतो या हारो, हमेशा मेहनत करते रहो। लगातार मेहनत करना ही सबसे जरुरी है। निरंतरता ही सफलता की कुंजी है, जैसे रोज ब्रश करना हमारी आदत है। तो यही बात आपके टैलेंट के साथ भी है। अगर आप किसी चीज को रोज करोगे, तो उसमें कामयाबी जरूर मिलेगी। म्यूजिक इंडस्ट्री में आपने क्या बड़े बदलाव देखे हैं? बदलाव तो बहुत है। पहले गाना रिलीज करने में समय लगता था, अब यह आसान हो गया है। अब और जिम्मेदारी आ गई है क्योंकि लोग जुड़े हुए हैं। ऑडियंस देख रही है कि आप कैसा म्यूजिक दे रहे हो। पहले के मुकाबले प्रमोशन के तरीके भी बदल गए हैं। अब हर तीन महीने में नई ऑडियंस आती है, और म्यूजिक भी बहुत जल्दी हिट होता है। तो आपको हमेशा अप-टू-डेट रहना पड़ता है। आपको इस जमाने के साथ चलना पड़ेगा। क्या कभी रिजेक्शन ने आपको निराश किया? रिजेक्शन मिलना जरूरी है, ये कुछ नया करने का मौका देता है। परमानेंट तो कुछ भी नहीं होता। कई बार ऑडियंस सोचती है कि आप एक ही तरह की चीज करते रहो, जैसे पहले किया था। लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है। मैं खुद को रोज रिजेक्ट करने के लिए तैयार रखता हूं, ताकि बेहतर कर सकूं। एक दिन तो सफल होऊंगा, जैसे पहले दिन था, वैसे आज भी हूं। नया म्यूजिक बना रहा हूं, फिल्में कर रहा हूं और ये शो भी मेरे लिए नई चीज है। तो बस, मैं इसमें अपना 100% दूंगा, जैसे अपनी जिंदगी में देता हूं। आज के नए सिंगर्स, जो अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं, उन्हें आप क्या सलाह देना चाहेंगे? मेरा अनुभव है कि जब आप मेहनत कर रहे होते हो, स्कूल या कॉलेज में गा रहे होते हो, तब भी आपके पास अच्छे गाने होते हैं। आज जो ऑडियंस सुन रहे हैं, वो मेहनत कर रहे हैं सिंगर बनने के लिए, अच्छा लिखते हैं, कम्पोज करते हैं, तो वो भी वही इंसान होते हैं। लेकिन उस समय कोई आपको सीरियसली नहीं लेता, क्योंकि आपने कुछ प्रूफ नहीं किया होता। तो अगर आपको किसी ने रिजेक्ट किया है, लेकिन आपके पास गाने हैं, तो आप पहले से ही सुपरस्टार हो। बस, बहुत मेहनत करो और अपने पेरेंट्स और उन लोगों का ध्यान रखो जिन्होंने आपकी मदद की है। 

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