सांदीपनि विद्यालय में समर कैम्प का सफल आयोजन, बच्चों ने सीखे विविध कलात्मक व शैक्षणिक गुर

संवाददाता अवधेश चौकसे
सांईखेड़ा नरसिंहपुर, सांदीपनि विद्यालय सांईखेडा में एक मई से प्रारंभ हुए ग्रीष्मकालीन समर कैम्प में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी करते हुए विविध कलाओं व गतिविधियों में अपने कौशल को निखारा। कैम्प के प्रभारी भानुप्रताप राजपूत व लालसिंह लोधी के नेतृत्व में इस बार कैम्प को सात विभिन्न थीमों में विभाजित किया गया, जिससे विद्यार्थियों की रुचि के अनुसार उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।
करीब 150 विद्यार्थियों से आरंभ हुआ कैम्प अंततः 200 से अधिक बच्चों की भागीदारी तक पहुंचा। संस्था प्राचार्य चंद्रकांत विश्वकर्मा ने बताया कि सभी विद्यार्थियों को उनकी रुचि अनुसार वर्गीकृत कर विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों के नेतृत्व में प्रशिक्षण दिया गया। प्राथमिक विभाग में शिक्षिका प्रियंका अग्रवाल ने मांडना और मधुबनी जैसी पारंपरिक चित्रकला से बच्चों को अवगत कराया, वहीं लोकसंस्कृति की पहचान “बिरहा” से बच्चों को परिचित कराने के लिए विशेष सांस्कृतिक दल आमंत्रित किया गया।
संगीत शिक्षक तरुण श्रीवास्तव ने बच्चों को संगीत की बारीकियों से रूबरू कराया, जबकि खेल गतिविधियों का संचालन आदित्य द्विवेदी ने किया। पुस्तकालय गतिविधियों का संचालन रीतेश अवस्थी के मार्गदर्शन में हुआ, और बुंदेली लोककला का जीवंत प्रदर्शन प्रभारी भानुप्रताप राजपूत द्वारा किया गया।
भाषा ज्ञान को केंद्र में रखते हुए चंद्रशेखर बसेडिया के निर्देशन में भाषायी समर कैम्प भी संचालित हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी की। इस कैम्प में अर्चना तिवारी, सोनल दीक्षित, कीर्ति चौबे, दीपमाला धुर्वे, मनीष तिवारी, अखिलेश मेहरा, दुर्गेश शुक्ला, हरिगोविंद पटेल, मनोहर पटेल, रूपसिंह, विष्णु व सुधीर प्रजापति सहित विद्यालय के अन्य शिक्षकों ने भी सहयोग प्रदान किया।
समर कैम्प के दौरान विद्यार्थियों के लिए नियमित रूप से नाश्ते की व्यवस्था भी की गई, जिसमें भाईजी चौधरी व सरदार सिंह राजपूत का विशेष सहयोग रहा।
कैम्प के समापन के पश्चात अब विद्यालय में मंडल द्वारा आयोजित द्वितीय अवसर की परीक्षाओं की तैयारी हेतु कक्षा 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों के लिए विशेष कक्षाओं का संचालन आरंभ हो गया है। प्राचार्य श्री विश्वकर्मा ने इन कक्षाओं में विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति की अपील की है।