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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार आज, स्मारक के लिए कांग्रेस और केंद्र सरकार में टकराव

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार आज, स्मारक के लिए कांग्रेस और केंद्र सरकार में टकराव

नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज दोपहर 12 बजे निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन के बाद, कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच स्मारक के स्थान को लेकर टकराव तेज हो गया है।

कांग्रेस ने मांग की है कि पूर्व प्रधानमंत्रियों की परंपरा का पालन करते हुए, डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट के पास ऐसा स्थान आवंटित करके किया जाए, जहां उनकी स्मृति में एक स्मारक बनाया जा सके। पार्टी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि स्मारक के लिए स्थान न आवंटित करना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का “जानबूझकर किया गया अपमान” है।

कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को सम्मान देने की अपील की। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “यह समझना मुश्किल है कि सरकार उनके वैश्विक कद और राष्ट्र के लिए उनके दशकों लंबे योगदान के अनुरूप स्थान क्यों नहीं खोज सकी।”

गृह मंत्रालय का बयान

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि स्मारक के लिए स्थान आवंटित करने की प्रक्रिया जारी है। मंत्रालय ने बताया कि ट्रस्ट का गठन किया जाएगा, और इस विषय में डॉ. सिंह के परिवार और कांग्रेस अध्यक्ष को सूचित किया जा चुका है।

विपक्ष का निशाना

विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार की तीखी आलोचना की। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि के संदर्भ में सम्मान की परंपरा का पालन होना चाहिए।” वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने सरकार पर “ओछी सोच” का आरोप लगाया।

कांग्रेस की अपील

राजनीतिक दलों ने मांग की है कि डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को सम्मानित करने के लिए राजघाट के पास एक स्थायी स्मारक बनाया जाए ताकि उनकी विरासत से आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा ले सकें।

डॉ. सिंह, जो दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे और एक प्रख्यात अर्थशास्त्री के रूप में पहचाने गए, का योगदान भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण माना जाता है। उनकी स्मृति में स्मारक को लेकर यह विवाद उनके सम्मान और योगदान की गहराई को और उजागर करता है।

 

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