कलेक्टर मेंम एक नज़र इधर भी: हो सकता है जिले में अन्य राज्यों से आए लोगों एवं बंगालीयो में बांग्लादेशी घुसपैठिए निकले
इनकी 10वीं 12वीं की अंकसूची, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस एवं अन्य दस्तावेजों की जांच से हो सकता है खुलासा

झाबुआ रिपोर्टर- जनता एक्सप्रेस से रमेश कुमार सोलंकी
झाबुआ–देश की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने भारत की सीमा पर सीआरपी फोर्स, मिलिट्री फोर्स, जल सेना, थल सेना, वायु सेना को तेनात कर दिया है। सरहद पर इतनी कड़ी सुरक्षा के बीच भी अन्य देशो के घुसपैठिए हमारे भारत देश की सीमा को पार करके आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। देश में ऐसे कई मामले देखने को मिल रहे हैं। इसी बीच अभी हाल ही में एक ऐसा मामला मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नागदा में देखने को मिला। जहां पर ड्रग तस्कर, कुख्यात, 60,000 इनामी बदमाश सलमान लाला को एमडी ड्रग्स के साथ उज्जैन पुलिस ने नागदा से गिरफ्तार किया। जिसने 2022 में एक फर्जी पासपोर्ट थांदला जिला झाबुआ से बना कर अपनी फैमिली के पास दुबई चला गया था। 2023 में पासपोर्ट खो जाने पर वैध पासपोर्ट पर नेपाल के रास्ते दुबई जाना चाहता था। लेकिन भारत सरकार की ओर से एनओसी नहीं मिलने पर उसे वापस भारत आना पड़ा। इस मामले पर आपके मन में सवाल उठता होगा कि। यह सब कैसे संभव हो सका। यह संभव तभी हुआ होगा जब जिले के किसी व्यक्ति ने फर्जी पासपोर्ट बनाने में मदद की होगी। यहां पर निजी तौर पर इसका किसी ने सहयोग किया होगा। तभी तो वह इतने साल तक गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र मध्य प्रदेश, की पुलिस से छिपकर रह रहा था। और अपनी पहचान छुपा कर अपने काले धंधे को अंजाम दिए जा रहा था।इस मामले को लेकर जिले में जगह-जगह हिंदू संगठनों ने जन आक्रोश रैली निकाली एव ज्ञापन भी दिया।
जिले में इन बंगालियों ने अपने कई अवैध दस्तावेज बनाये
झाबुआ जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में इन लोगों ने ग्राम पंचायत सचिव, सरपंच, और चाटुकार लोगों की मिली भगत से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, तक बना लिए। और ये अवैध प्रवासी लोग इन दस्तावेजों के आधार पर यहां के मूल निवासी तक बन गए। ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह अपने निजी प्लाट खरीद लिए, मकान बना लिए, कथित तौर पर यह भी कहा जा रहा है कि यह लोग गरीब आदिवासियों को ब्याज बट्टे पर रुपए देने का काम भी करते हैं। और अपनी संपत्ति को निरंतर बढ़ाते हैं। और अगर कोई अपने यहां का व्यक्ति पूछता है। कि आप कहां के निवासी हो? तो यह अपने आप को पश्चिम बंगाल का निवासी बताते हैं। पर क्या किसी ने इनके दस्तावेजों की अभी तक जांच की है। कि यह मूल रूप से कहां के निवासी हैं। यह एक बड़ा सवाल है।
याद रखिए अंग्रेज आए थे। भारत में व्यापार करने
वह बात हर इंसान आज तक नहीं भूला है। जब अंग्रेज भारत व्यापार करने के नाम पर आए थे। और कई वर्षों तक भारत पर शासन किया और लोगों को कई सालों तक उनकी गुलामी का दंश
झेलना पड़ा। वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर हम लोगों को सोचना पड़ेगा। अन्यथा भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भी आ सकते हैं।
जिला कलेक्टर का एक अद्वितीय और सराहनीय जनहितैषी कदम
जिला कलेक्टर झाबुआ नेहा मीणा ने हाल ही में बाहरी लोगों को लेकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत एक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। जिसमें यह पता लग जाएगा कि जिले में कितने बहारी लोग निवास कर रहे हैं। और कितने वैध तरीके से निवास कर रहे हैं। और कितने अवैध तरीके से निवास कर रहे है। और बाहरी राज्यों से कितने लोग नए आए हैं। यह जिला कलेक्टर झाबुआ नेहा मीणा का जनहितैषी कदम है। और इसमें हम सभी नागरिकों का कर्तव्य है। कि हम देश हित में इस कार्य में शासन प्रशासन का सहयोग करें।
इस पूरे मामले पर हिंदू संगठनों का क्या कहना है
बाहरी राज्यों से आए हुए लोगों एवं बंगालियों के दस्तावेजों की जानकारी मकान मालिक एवं संबंधित चौकी पर होना चाहिए कहां के रहने वाले हैं। कहां से आए हैं। यह लोग और क्या काम करते हैं।
विश्व हिंदू परिषद प्रखंड सह मंत्री -बादल प्रजापत झकनावदा
इनकी अंक सूचियो की जांच होना चाहिए। जिससे पता लग जाएगा कि इन लोगों ने कहां शिक्षा प्राप्त की है। और कहां के यह लोग रहने वाले हैं। क्योंकि यहां इनके आधार कार्ड और दूसरे दस्तावेज फर्जी बने हुए।
विश्व हिंदू परिषद प्रखंड संयोजक-
सुनील मुलेवा झकनावदा
यह बाहरी राज्यों से आए लोग धर्मांतरण को भी बढ़ावा दे रहे हैं। और अपनी संख्या बल बढ़ा रहे हैं। इसको लेकर हमने ज्ञापन जनाक्रोश रैली निकाल कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर झाबुआ को दिया।
हिंदू युवा जनजाति संगठन जिला कोषाध्यक्ष अध्यक्ष- जयमाल मेडा झाबुआ