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Karnataka-महालक्ष्मी का हत्यारा एक पेड़ से लटकता हुआ मिला , फांसी लगाकर की आत्महत्या

क्या है महालक्ष्मी के कत्ल की वजह

महालक्ष्मी का हत्यारा एक पेड़ से लटकता हुआ मिला , फांसी लगाकर की आत्महत्या

क्या है महालक्ष्मी के कत्ल की वजह

बेंगलुरु कर्नाटका। बेंगलुरू की एक कंपनी में काम करने वाली महालक्ष्मी हत्याकांड के मुख्य आरोपी ने आत्महत्या कर ली है। उसकी पहचान मुक्ति रंजन रे के तौर पर हुई है। भद्रक जिले में एक कब्रिस्तान के पास उसका शव एक पेड़ से लटका हुआ पाया
रिपोर्ट के मुताबिक, हत्या के बाद आरोपी मुक्ति रे बेंगलुरू से भाग कर अपने गांव चला गया था। बताया जाता है कि मंगलवार की रात को मुक्ति रे अपने घर से स्कूटर लेकर निकला और फिर दोबारा वापस नहीं लौटा। बाद में उसका शव मिला पेड़ से लटका मिला। उसके शव के पास से ही उसका स्कूटर भी था। बाद में सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसके शव को पेड़ से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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पुलिस की टीम ने उसके स्कूटर से एक लैपटाप भी मिला। उसके घर से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिलता है, जिसमें वो इस बात को स्वीकार करता है कि उसी ने महालक्ष्मी की हत्या की थी। इस बीच बेंगलुरू पुलिस की टीम भी ओडिशा पहुंची और भद्रक में अधिकारियों के साथ बातचीत करके उन्हें इसकी जानकारी दी।

क्या है पूरा मामला

मामला कुछ यूं है कि 21 सितंबर को 29 वर्षीय महालक्ष्मी का व्यालिकावल स्थित उसके घर की फ्रिज से उसका 59 टुकड़ों में कटा शव बरामद हुआ था। बताया जाता है कि आरोपी मल्लेश्वरम में कपड़ों के एक शो रूप में काम कर रहा था। उसके साथ ही महालक्ष्मी भी वहीं पर काम करती थी।

पेड़ से लटकी मिली आरोपी की लाश

इस बीच केस में एक नया मोड़ आ जाता है। ओडिशा पुलिस को भद्रक इलाके में पेड़ से लटकी एक आदमी की लाश मिलती है। लाश के साथ ही एक चिट्ठी भी मिलती है, जिसमें बेंगलुरु में हुई महालक्ष्मी के कत्ल का कुबूलनामा था। तफ्तीश होती है, तो पता चलता है कि ये लाश मुक्ति रंजन रे नाम के आदमी की है। हालात देखकर अंदाजा लग जाता है कि गिरफ्तारी के डर से उसने ये खौफनाक कदम उठाया है।

मॉल में कपड़े की दुकान पर करता था काम

आखिर कौन था ये मुक्ति रंजन? महालक्ष्मी का कत्ल उसने क्यों किया? और इन दोनों के बीच क्या रिश्ता था। कड़ियों को जोड़ा जाता है और एक कहानी सामने आती है। 30 वर्षीय मुक्ति रंजन ओडिशा के भद्रक जिले में पड़ने वाले एक गांव धुसुरी का रहने वाला था। कुछ साल पहले काम की तलाश में बेंगलुरु आया मुक्ति रंजन यहां एक मॉल में कपड़े की दुकान में काम करने लगा।

एक साल पहले मॉल में हुई मुलाकात

एक साल पहले 2023 में मुक्ति रंजन की मुलाकात महालक्ष्मी से बेंगलुरु के एक मॉल में हुई और इसके बाद दोनों के बीच बातें होने लगीं। पारिवारिक विवाद की वजह से अपने पति से अलग रह रही महालक्ष्मी इसी मॉल के एक कॉस्ट्यूम आउटलेट में टीम लीडर के तौर पर काम करती थी। मुक्ति रंजन के साथ उसकी बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा और दोनों के बीच दोस्ती हो गई।

24 सितंबर को अपने गांव पहुंचा था मुक्ति रंजन

मुक्ति रंजन ने महालक्ष्मी का कत्ल कर उसकी लाश के टुकड़े क्यों किए, पुलिस अब इस सवाल का जवाब तलाशने में जुट गई है। फिलहाल पुलिस मुक्ति रंजन का परिवार बैकग्राउंड और दूसरी जानकारियां जुटाने की कोशिश कर रही है। उसके परिवार वालों ने पूछताछ में बताया कि मुक्ति रंजन 24 सितंबर को भद्रक पहुंचा था। अगल दिन वह सुबह घर से निकला और अपने घर से करीब सौ मीटर की दूरी पर कुलीपाड़ा गांव में उसकी लाश पेड़ से लटकी मिली।

क्या है महालक्ष्मी के कत्ल की वजह

वहीं, न्यूज 18 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महालक्ष्मी की किसी तीसरे शख्स से करीबी को लेकर मुक्ति रंजन नाराज था। इस बात को हत्या की एक वजह के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, इस तीसरे शख्स के बारे में कुछ नहीं बताया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुक्ति रंजन का फोन बंद था और उसे ओडिशा-पश्चिम बंगाल सीमा के पास तलाशने की कोशिश की जा रही थी।

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