गाडरवारामध्य प्रदेश
कृष्ण मुरारी अग्रवाल ने 9 अलग अलग लिपियों में लिखी एक कविता
कृष्ण मुरारी अग्रवाल ने 9 अलग अलग लिपियों में लिखी एक कविता

कृष्ण मुरारी अग्रवाल ने 9 अलग अलग लिपियों में लिखी एक कविता
गाडरवारा । नगर के वरिष्ठ साहित्यकार कृष्ण मुरारी अग्रवाल ने वास्तव में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने न केवल नौ अलग-अलग लिपियों में एक कविता लिखी है, बल्कि उन्होंने भारत की विविधता और समृद्धि को भी प्रदर्शित किया है।उन्होंने. मलयालम (दक्षिण भारत की एक प्रमुख लिपि),
. कन्नड (कर्नाटक की आधिकारिक लिपि), तेलगु (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की आधिकारिक लिपि),
तमिल (तमिलनाडु की आधिकारिक लिपि),. गुजराती (गुजरात की आधिकारिक लिपि), गुरुमुखी (पंजाबी भाषा की लिपि) ,उड़िआ (ओडिशा की आधिकारिक लिपि),
हिन्दी (भारत की राजभाषा),
अंग्रेजी (विश्वभाषा)लिपियों में कविता लिखी है, और वे अभी भी अन्य लिपियों को सीख रहे हैं। यह उनकी जिज्ञासा और सीखने की इच्छा को दर्शाता है। कृष्ण मुरारी अग्रवाल की इस उपलब्धि की नगर में सराहना की जा रही है ।
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