एक नई शुरुआत: जेल में बंद बाप की बेटी को मिला शिक्षा का अवसर
एक भावपूर्ण स्थिति
विलासपुर के कलेक्टर, डॉ संजय अलंग, ने केंद्रीय जेल का दौरा करते समय एक भावुक दृश्य देखा। एक 6 साल की बच्ची, अपने पिता से लिपटी हुई, दुख भरे आंसू बहा रही थी। यह बच्ची अपने पिता द्वारा किए गए अपराध की सजा का बोझ उठा रही थी, क्योंकि उसके पिता को 10 वर्षों की सजा मिली है। जब उसकी माँ का निधन हुआ, तब वह केवल 15 दिन की थी, और अब उसके पास कोई दूसरा सहारा नहीं था।
कलेक्टर का मानवीय कदम
कलेक्टर साहिब ने इस बच्चे की दयनीय स्थिति को समझा और तुरंत निर्णय लिया कि उसे शिक्षा और सहायता की आवश्यकता है। वह बच्ची अब अपने पिता के साथ जेल में निवास कर रही थी, लेकिन कलेक्टर ने उसके लिए एक उज्ज्वल भविष्य की योजना बनाई। उन्होंने बच्ची को अपनी कार में स्कूल तक छोड़ने का निर्णय लिया और उसे शहर के जैन इंटरनेशनल स्कूल में दाखिला दिलवाया।
एक नई उम्मीद
इस शिक्षण संस्थान में बच्ची को हॉस्टल में रहने की सुविधा प्रदान की जाएगी और उसके लिए विशेष देखरेख करने वाले केयरटेकर की भी व्यवस्था की गई है। कलेक्टर ने न केवल उसका दाखिला सुनिश्चित किया, बल्कि सभी खर्चों को स्वयं उठाने का भी निर्णय लिया। यह कदम केवल एक बच्चे के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए एक नया उदाहरण प्रस्तुत करता है।