मंडीदीप। राजाभोज शासकीय महाविद्यालय मंडीदीप में कैरियर मार्गदर्शन आयोजन के द्वारा में “भगवत गीता एवं युवा” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ वरिष्ठ प्रध्यापक डॉ. संतोष कुमार भदौरिया के उद्बोधन से हुआ उन्होनें विद्यार्थियों को बताया की “गीता हमें सिखाती है कि कठनाइयों का सामना कैसे करना है और अपने कर्तव्यो को कैसे निभाना है।” उन्होने कहा वेदांत का रूप है भगवत गीता है, मन के चार तन होते है, कर्म, विचार, वृत्ति, एवं आत्मा। वृत्ति को जितने के लिए आत्मज्ञान का होना जरूरी है। जब हम वृत्तियों पर नियन्त्रण कर आत्मज्ञान प्राप्त करते है वैसे ही हमारे अंदर प्रेम और करुणा का जन्म होगा जिससे आपका व्यवहार समाज के लिए कल्याणमय होता है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सुरेश पटवा उपस्थित रहे जिन्होनें गीता के पाठो को अपने व्यक्तितगत अनुभव से जोड़ा। उन्होने बताया कि गीता की शिक्षाएं मानसिक तनाव को कम करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में कैसे सहायक हो सकती है कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रदीप कुमार दोहरे जी ने किया एवं अंत में आभार महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. व्ही. जे. स्कॉरिया जी द्वारा किया गया। संगोष्ठी में आर्यन ठाकुर, पायल पाल, अभिषेक शर्मा, लवी, आलोक, राम एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।