बाघ का आतंक: गुड़ला में बाघ की मौजूदगी से जागरूकता बढ़ी, वन विभाग की सक्रियता से ग्रामीणों को राहत

संवाददाता राकेश पटेल इक्का
नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश।
जिले के नर्मदा तटवर्ती ग्राम गुड़ला में बीते कुछ दिनों से बाघ की गतिविधियाँ देखी जा रही हैं। वन विभाग द्वारा की जा रही सघन निगरानी और ग्रामीणों के सहयोग से अब स्थिति नियंत्रित है और लोगों में जागरूकता का माहौल बन रहा है। प्रशासन ने इसे चुनौती के रूप में नहीं, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन की एक जिम्मेदारी के रूप में लिया है।
घटनाक्रम का क्रमबद्ध विवरण
ग्राम गुड़ला और आस-पास के क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व ग्रामीणों ने बाघ को झाड़ियों के पास आराम करते देखा। इसके तुरंत बाद एक बकरी का शिकार भी हुआ, जिससे ग्रामीणों की शंका पुख्ता हो गई। बाघ के पैरों के ताजा निशान और शिकार की पुष्टि के बाद वन विभाग हरकत में आया।
वन विभाग की त्वरित कार्रवाई
वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुँचकर सर्चिंग अभियान शुरू किया और बाघ की निगरानी के लिए चार हाई-रिजोल्यूशन कैमरे लगाए। टीम ने ग्रामीणों से भी सीधा संवाद स्थापित किया, उन्हें समझाया कि घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्कता जरूरी है।
ग्रामीणों से अपील की गई कि वे खेतों में अकेले न जाएं, बच्चों को निगरानी में रखें और किसी भी संदिग्ध हलचल की सूचना तुरंत वन विभाग को दें।
प्रशासन और ग्रामीणों का सहयोग
ग्राम के पूर्व सरपंच श्री छोटेलाल नीखर और वर्तमान सरपंच पति श्री निर्मल गौर ने भी वन विभाग का सहयोग किया और ग्रामीणों को संयम और सतर्कता बनाए रखने की सलाह दी। ग्रामीणों ने भी जिम्मेदारी का परिचय दिया और वन्यजीव संरक्षण के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाया।
एक बड़ी सीख – सहअस्तित्व और जागरूकता की दिशा में कदम
यह घटना यह दर्शाती है कि आज भी वन्यजीव हमारे आसपास मौजूद हैं, और उनके संरक्षण के लिए सामूहिक जागरूकता आवश्यक है। बाघ जैसी प्रजातियाँ जंगलों से बाहर आने पर मानव-बस्ती के लिए चिंता का विषय बनती हैं, लेकिन यदि समय पर और सकारात्मक कदम उठाए जाएं, तो बड़ी घटनाओं से बचा जा सकता है।
वर्तमान स्थिति
इस समय बाघ क्षेत्र में सक्रिय तो है, लेकिन नियंत्रण में है। कोई मानवीय हानि नहीं हुई है, और वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर रही है। कैमरों की मदद से बाघ की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। जल्द ही उसे जंगल की ओर सुरक्षित ढंग से वापस ले जाने की योजना पर भी काम हो रहा है।