बड़वानी की तीन बेटियों ने रचा इतिहास, सैनिक स्कूल में चयन कर किया जिले का नाम रोशन

संवाददाता रवि शिमले बड़वानी
बड़वानी, 23 मई 2025।
“जब बेटियाँ ठान लेती हैं, तो इतिहास रच जाती हैं।”
बड़वानी जिले की तीन होनहार बेटियों आहना सुल्या, इशु भाबर, और काव्या ईचरचा ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। तीनों छात्राओं ने सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में शानदार सफलता प्राप्त कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले को गर्व से भर दिया है।
नन्हीं उम्र में बड़ी कामयाबी
- आहना सुल्या (कक्षा 6) पहले ही नवोदय और एकलव्य विद्यालय जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में चयनित हो चुकी हैं। अब सैनिक स्कूल में चयन ने उन्हें बड़वानी की सबसे प्रतिभाशाली छात्राओं की सूची में शामिल कर दिया है।
- इशु भाबर (कक्षा 9) पूर्व में उत्कृष्ट विद्यालय परीक्षा पास कर चुकी हैं और भोपाल स्थित गुरुकुलम विद्यालय में भी चयनित हो चुकी हैं। सैनिक स्कूल में सफलता उनकी मेहनत, लगन और निरंतर प्रयास का प्रमाण है।
- काव्या ईचरचा (कक्षा 6) ने भी सैनिक स्कूल में चयनित होकर यह साबित कर दिया कि सपनों की कोई उम्र नहीं होती—बस ज़िद, मेहनत और दिशा चाहिए।
परिवार और जिले में खुशी की लहर
इन बेटियों की सफलता पर उनके शिक्षकों, अभिभावकों और पूरे बड़वानी जिले में गर्व और खुशी की लहर दौड़ गई है।
इन तीनों बालिकाओं की मेहनत और संघर्ष ने यह दिखाया है कि छोटे शहरों और गांवों से भी बड़ी उड़ान भरी जा सकती है।
बेटियाँ बन रही प्रेरणा
बड़वानी की ये तीन बेटियाँ अब उन सभी छात्राओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखती हैं।
इनकी सफलता न सिर्फ शिक्षा की दिशा में एक उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आज की बेटियाँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं—चाहे वो शिक्षा हो, सेना हो या समाज सेवा।
निष्कर्ष:
यह खबर उन सभी को समर्पित है जो बेटियों को सपने देखने, उड़ने और ऊँचाइयों को छूने का हौसला देते हैं।
आहना, इशु और काव्या—तुम सिर्फ सैनिक स्कूल में नहीं चुनी गईं, तुमने बड़वानी के भविष्य को चमकदार बना दिया है।