आयुष्मान भारत योजना: निःशुल्क उपचार के लिए मानक प्रक्रिया और दिशा-निर्देश जारी
आयुष्मान भारत योजना: निःशुल्क उपचार के लिए मानक प्रक्रिया और दिशा-निर्देश जारी

भोपाल, 1 जनवरी 2025: आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. योगेश भरसट ने हितग्राहियों के लिए मानक प्रक्रियाएं और निर्देश जारी किए हैं। योजना के तहत पात्र हितग्राही बिना किसी शुल्क के अस्पताल में इलाज प्राप्त कर सकते हैं।
योजना के तहत प्रक्रिया
आयुष्मान भारत योजना के तहत हितग्राहियों को अस्पताल पहुंचने के बाद सबसे पहले आयुष्मान कियोस्क पर जाना होगा। वहां उन्हें अपने आवश्यक दस्तावेज, जैसे आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, समग्र आईडी या पात्रता पर्ची दिखानी होगी। आयुष्मान मित्र इन दस्तावेजों का सत्यापन करेगा और निःशुल्क इलाज की प्रक्रिया शुरू करेगा।
डॉ. भरसट ने स्पष्ट किया कि उपचार के दौरान किसी भी तरह की राशि का भुगतान हितग्राही को नहीं करना होगा। यदि अस्पताल द्वारा किसी सेवा के लिए शुल्क मांगा जाता है, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
डिस्चार्ज प्रक्रिया
उपचार पूरा होने के बाद हितग्राही को “निल (शून्य बकाया)” राशि का बिल दिया जाएगा। अस्पताल से डिस्चार्ज के समय यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई बकाया राशि लंबित न हो। साथ ही, फीडबैक फॉर्म को सही जानकारी के साथ भरने और हस्ताक्षर करने का भी निर्देश दिया गया है।
महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर
राष्ट्रीय हेल्पलाइन (NHA): 14555
राज्य हेल्पलाइन (SHA मध्यप्रदेश): 18002332085
हितग्राही के लिए निर्देश
क्या करें
1. सभी आवश्यक दस्तावेज साथ लेकर जाएं।
2. आयुष्मान कियोस्क पर अपनी पात्रता सुनिश्चित करवाएं।
3. “निल (शून्य बकाया)” बिल प्राप्त करें।
4. फीडबैक फॉर्म को पूरी जानकारी के साथ भरें।
5. अस्पताल से मंगलकामना पत्र लेना न भूलें।
क्या न करें
1. दस्तावेज भूलकर न जाएं।
2. निःशुल्क इलाज के दौरान कोई अतिरिक्त भुगतान न करें।
3. असत्यापित जानकारी पर भरोसा न करें।
4. फीडबैक फॉर्म को बिना पढ़े हस्ताक्षर न करें।
आयुष्मान भारत का उद्देश्य
आयुष्मान भारत योजना का लक्ष्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। डॉ. भरसट ने कहा कि ये दिशा-निर्देश हितग्राहियों को प्रक्रिया को समझने और योजना का लाभ उठाने में मदद करेंगे।
यह योजना समाज के उन वर्गों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो महंगे इलाज का खर्च वहन करने में असमर्थ हैं।