गाडरवारामध्य प्रदेशराज्य

22 जुलाई से 16 सितंबर तक चलेगा दस्तक अभियान सह स्टाप डायरिया कैंपेन

गाडरवारा। कलेक्टर शीतला पटले के निर्देश अनुसार सीएमएचओ डॉ आरएस ठाकुर की देखरेख में 22 जुलाई से 16 सितंबर तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा। जिसमें 140 से अधिक अर्बन गाडरवारा और रूरल साईखेड़ा की कार्यकर्ताओं द्वारा षून्य से पांच साल तक के लगभग 20 हज़ार से अधिक बच्चों की जांच का लक्ष्य रखा गया है। इसे लेकर गत दिवस सिविल अस्पताल गाडरवारा में बीएमओ डॉ शिप्रा कौरव, अस्पताल अधीक्षक डॉ उपेंद्र वस्त्राकार, डॉ आशुतोष मेहता, डॉ अमित कुमार और स्टॉफ की उपस्थित में बैठक आयोजित की गई। इसमें मौजूद बीएमओ डॉ शिप्रा ने उपस्थितों को बताया कि दस्तक अभियान में बच्चों के डायरिया, विटामिन ए के सेवन, कम वजन, कुपोषण, न्यूमोनिया, टीकाकरण आदि देख कर उपचार और रेफर करना है। अभियान की पूर्व तैयारियों के बारे में बीपीएम नरेंद्र विष्वकर्मा ने बताया वर्ष 2025-26 में दस्तक अभियान प्रथम चरण सह स्टाप डायरिया कैंपेन 2025, 22 जुलाई से 16 सितम्बर के मध्य संचालित किया जाएगा। इसके दौरान पांच वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, त्वरित प्रबंधन एवं आवश्यकता अनुसार रेफरल किया जाएगा। एचबीएनसी तथा एचबीवाईसी की तर्ज पर उच्च जोखिम वाले नवजात एवं शिशुओं का चिन्हांकन एवं रेफरल, छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों में डिजीटल हीमोग्लोमीटर द्वारा एनीमिया की जांच तथा प्रोटोकॉल आधारित प्रबंधन। नौ माह से पांच वर्ष तक के समस्त बच्चों को आयु अनुरुप विटामिन ए अनुपूरण करना है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया व डायरिया की त्वरित पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल होगा। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बाल्यकालीन दस्त रोग नियंत्रण हेतु समस्त बच्चों को ओआरएस एवं जिंक टेबलेट की को-पैकेजिंग प्रदायगी तथा इसके उपयोग हेतु सामुदायिक जागरूकता में बढ़ावा करना है।

समुदाय को समुचित शिशु एवं बाल आहारपूर्ति संबंधी समझाईश देना। डॉ उपेंद्र वस्त्रकार ने बताया इस वर्ष अभियान का प्रथम चरण, गृह भेंट आधारित न होकर आंगनवाड़ी केन्द्र पर संचालित होगा, मॉप-अप दिवस में छूटे हुए बच्चों हेतु गृह भेंट की जाएगी। प्रथम चरण के अभियान संचालन की रणनीति में सत्र आंगनवाड़ी केन्द्र पर संचालित किया जाएगा। इस दौरान पांच वर्ष तक की आयु वाले समस्त बच्चों को उपरोक्त सेवाएं दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। शेष छूटे हुए बच्चों तथा नवजातों हेतु एएनएम, आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के संयुक्त दल, गृह भेंट कर आवश्यक सेवा प्रदायगी करेंगे। चूंकि अभियान फिक्स डे रणनीति अधारित है अतः वीएचएसएनडी सत्रों को पूर्ण कार्यदिवस मानकर सक्षम कार्ययोजना तैयार की है। सत्र स्थल तक बच्चों को एकत्र करने का उत्तदायित्व आशा कार्यकर्ता का होगा, आशा कार्यकर्ता की अनुपस्थिति में आशा सहयोगिनी उक्त कार्य संपादित करेंगी। इस दौरान अस्पताल स्टाफ से उत्तम पटैल, नारायण पटेल, सुमित श्रीवास्तव, नर्स प्रियंका पटेल आदि उपस्थित रहे।

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