7 करोड़ के घोटाले में फरार बाबू का आत्महत्या का पत्र वायरल, पुलिस दबिश से पहले हुआ गायब

जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में ऑडिट विभाग में पदस्थ बाबू संदीप शर्मा द्वारा किए गए करोड़ों रुपए के घोटाले ने प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। आरोपी बाबू के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, लेकिन अब तक वह गिरफ्त से बाहर है। ताजा घटनाक्रम में उसका एक आत्महत्या का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उसने खुद को घोटाले का जिम्मेदार बताते हुए जान देने की बात कही है।
पुलिस के पहुंचने से पहले फरार हुआ आरोपी
सूत्रों के अनुसार, संदीप शर्मा ग्वारीघाट क्षेत्र की सुखसागर वैली में अपनी बहन के घर छिपा हुआ था। पुलिस को जैसे ही इसका पता चला, वहां दबिश दी गई, लेकिन तब तक वह वहां से फरार हो चुका था। आशंका जताई जा रही है कि वह जबलपुर रेलवे स्टेशन से किसी अज्ञात स्थान के लिए रवाना हो गया।
पत्र में लिखा- “मैं ही जिम्मेदार हूं”
सोशल मीडिया पर सामने आए पत्र में संदीप ने लिखा,
“मैं संदीप शर्मा, पूरे होश में यह पत्र लिख रहा हूं। मैंने पासवर्ड और आईडी का गलत उपयोग कर घोटाला किया। यह गलती मेरी थी, इसका दोषी कोई और नहीं है। अब मेरे पास कोई रास्ता नहीं बचा, इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं।”
हालांकि पुलिस इस पत्र की सत्यता की जांच कर रही है।
2021 में शुरू हुआ घोटाला, 7 करोड़ से अधिक की हेराफेरी
जानकारी के मुताबिक, संदीप शर्मा को 2012 में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। 2021 में उसने सैलरी सॉफ्टवेयर के पासवर्ड और आईडी का गलत उपयोग करते हुए करोड़ों की हेराफेरी शुरू की। चार साल में घोटाले की राशि 7 करोड़ से अधिक पहुंच गई। इस दौरान उच्च अधिकारियों द्वारा वेतन बिलों की स्वीकृति दी जाती रही, लेकिन किसी ने गड़बड़ी नहीं पकड़ी।
उच्च स्तरीय जांच दल सक्रिय
घोटाले की गंभीरता को देखते हुए भोपाल से उच्च स्तरीय जांच टीम जबलपुर पहुंच चुकी है। संयुक्त संचालक अमित सिंह ठाकुर और सहायक संचालक सुरभित अग्रवाल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यूपी में हो सकता है संदीप का ठिकाना
पुलिस को संदेह है कि संदीप शर्मा उत्तर प्रदेश भाग गया है। एक विशेष टीम को वहां संभावित ठिकानों पर दबिश देने के लिए रवाना किया गया है। वहीं, भोपाल नगर कोषालय की भी जांच शुरू की जा रही है, जिससे घोटाले की राशि और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।